Rewa news, चाकघाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्थाओं का अंबार, क्या बीएमओ है इसके लिए जिम्मेदार-?
Rewa news, चाकघाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्थाओं का अंबार, क्या बीएमओ है इसके लिए जिम्मेदार-?
रीवा। जिले के मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश सीमा स्थित चाकघाट में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भारी अव्यवस्थाओं के बीच संचालित हो रहा है। अस्पताल परिसर में विभिन्न प्रकार की अव्यवस्थाएं बनी हुई है व अव्यवस्थाओं का सुध लेने वाला कोई नहीं है। एक ओर शासन स्तर से हर वर्ग को बेहतर चिकित्सीय सेवाएं मिले इस उद्देश्य से चिकित्सक, स्टाफ एवं अन्य आवश्यकताओं को लेकर उक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाखों रुपए खर्च हो रहा है। परन्तु जिम्मेदारों की लापरवाहियों से क्षेत्र के विभिन्न वर्ग शासकीय चिकित्सीय सेवाओं से वंचित हो रहे हैं अथवा इधर-उधर भटकने को मजबूर है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल परिसर में उपलब्ध चिकित्सीय सेवाएं समुचित ढंग से आने वाले मरीजों एवं घायलों को नहीं मिल रहा है। इसके साथ ही डिलीवरी के आई माताओं-बहनों सहित अन्य मरीजों को मिलने वाला नाश्ता-भोजन जो कि कई महीनों से बंद पड़ा है।
बताया गया है कि उपचार के पश्चात निकलने वाले विभिन्न प्रकार के वेस्ट को समुचित ढंग से एकत्रिकरण व नष्टीकरण की कार्रवाई का पालन नहीं हो रहा है। अस्पताल परिसर के चारों ओर दवाइयां का वेस्ट जगह-जगह देखा जा सकता है। अस्पताल परिसर व शौचालय परिसर में साफ सफाई का अभाव है। मरीजों द्वारा भी अक्सर यह आरोप लगते रहे हैं कि सभी प्रकार की दवाइयां उन्हें नहीं मिलती हैं। एक्स-रे मशीन बंद कमरे में धूल खा रही है। इसी प्रकार से कई अव्यवस्थाएं सामने आती रहती है। अब सवाल यह है कि जब इतनी अव्यवस्थाएं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उत्पन्न है तो अन्य केन्द्रों के क्या हाल होंगे। क्या ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर इन समस्त अव्यवस्थाओं के लिये जिम्मेदार हैं अथवा व्यवस्थाएं बना पाने में फेल है यह एक बड़ा सवाल है। दावा किया जाता है कि चिकित्सकों के लिए परिसर में यहां शासकीय आवास उपलब्ध नहीं है। जबकि अन्य समस्त स्टाफ शासकीय आवास में रह रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इंटर्न एवं बॉड के तहत कुछ चिकित्सक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चाकघाट में भेजे गए हैं परंतु उनके दर्शन नहीं हो रहे हैं।
अव्यवस्थाओं पर जब ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. केवी पटेल से फोन पर बात की गई तो उनके द्वारा गोल-गोल जवाब के साथ सवालों से बचने का प्रयास किया जा रहा था। उन्हें खुद ही नहीं मालूम की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को भोजन-नाश्ता मिल रहा है व नहीं, शायद दस्तावेजों में यह पूरी प्रक्रिया चल रही है। क्या अव्यवस्थाओं में उनका संरक्षण है अथवा प्राप्त पद का दायित्व नहीं निभा पा रहे हैं। इसी प्रकार से तमाम अव्यवस्थाएं सिविल अस्पताल सहित क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं आरोग्य केन्द्रों में बने हुए हैं। जहां जिले के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अगर गुप्त रूप से निरीक्षण और जांच किया जाए तो सारी सच्चाई खुद ही सामने आ सकती है।
ईशू केशरवानी (पत्रकार)