Rewa news, शराब के व्यापार और शराब पीने की शौक से विनाश की कगार पर समाज और सामाजिक मर्यादा।
Rewa news, शराब के व्यापार और शराब पीने की शौक से विनाश की कगार पर समाज और सामाजिक मर्यादा।
विराट वसुंधरा, संजय पाण्डेय, गढ़
रीवा । पैसों की भूख अपराध का कारण बन रही है रीवा जिला एवं नवीन जिला मऊगंज के अंतर्गत आए दिन किसी न किसी थाने में कोरेक्स और नशीली कफ सिरफ पकड़ी जा रही है लेकिन इन सरगनाओ तक अधिकारियों के हाथ नहीं पहुंच रहे हैं सबसे बड़ी चिंता की बात तो यह है की रीवा जिले में मेडिकल नशा सिरफ गोली दूसरे नंबर पर दारू और तीसरे नंबर पर गांजा एवम् अन्य नशीले पदार्थों की चपेट में रीवा जिले की युवा तरुणाई आ रही है सबसे बड़ी चिंता की बात तो यह है कि युवा अपने युवा अवस्था के पहले ही वृद्धा अवस्था की ओर अग्रसर हो जाएंगे और सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा इसके साथ ही अपराधों की संख्या में निरंतर वृद्धि होगी जहां प्रमुख रूप से आवकारी विभाग एवम् औषधि निरीक्षको का दायित्व सही तरीके से नहीं संभाला जा रहा नवीन जिला मऊगंज और रीवा जिले में आबकारी विभाग के अधिकारी और औषधि नियंत्रक नाम मात्र के लिए पद प्रतिष्ठा लेकर बैठे हैं शराब से कमाई और शराब की शौक से समाज और सामाजिकता दोनों विनाश की कगार पर हैं, एक तरफ जहां धन कमाने के चक्कर में शराब कारोबारियों द्वारा गली गली अवैध शराब भेजी जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ शराब के शौकीनों द्वारा नशे की पूर्ति के लिए अपनी जमा पूंजी खर्च करने से पीछे नहीं हटते और महिलाओं के गहने तक बेच डालते हैं नशेड़ियों द्वारा अपने घर परिवार गांव में महिलाओं के साथ नशे की हालत में दुर्व्यवहार भी किया जाता है नशा से नशेड़ियों का पूरा घर बर्बाद हो रहा है।
नशे का कारोबार और अपराध सरकार के लिए बना चुनौती।
रीवा जिले का खुफिया तंत्र निष्क्रिय है अवैध नशे के व्यापारियो की जानकारी न होने से अवैध कार्य संचालित हो रहे है। ऐसा प्रतीत होता हे कि नशा के व्यापारियों के इशारे पर संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी और पुलिस थाने संचालित हो रहे है। देखा जाए तो मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जहां अपराध और नशा के करोवर को रोकने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं और बीते शनिवार को मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने अधिकारियों की बैठक लेकर दो टूक कह दिया है कि अवैध नशे और अपराध पर अंकुश लगाया जाए अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मंशा अनुरूप
ऐसे आपराधिक घटनाओं और बढ़ते नशे की प्रवृत्ति के साथ ही अवैध नशे के कारोबार पर कितनी लगाम लगाने में संबंधित विभाग सफल होता है क्योंकि बढ़ते अपराध और अवैध नशे के कारोबार बड़ी समस्या बनकर कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनी हुई है।
नशा बन रहा अपराध का कारण।
देखा जाए तो संबंधित विभाग के जमीनी अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत य फिर उनकी नाकामी समस्त प्रकार के बढ़ते अवैध कारोबार की जड़ है बढ़ते नशे की प्रवृत्ति से शांति व्यवस्था भंग हो रही हे। देखा जा रहा है कि नशे की पूर्ति के लिए चोरी लूटपाट और नशे की स्थिति में विवाद का कारण बन रहा है । यदि यही स्थिति निर्मित रही तो अपराधों की संख्या पर निरंतर वृद्धि होती रहेगी जबकि समाचार पत्रों के मध्यम से ऐसे अवैध कार्यों के व्यवसाय पर प्रकाश डाला जा रहा है। किंतु नशीली सिरफ गोली दारू गांजा गांव गांव में विक्री हो रहे हैं अवैध नशे के कारोबार में क्षेत्रीय दबंगों का साथ होता है देखने को यह भी मिल रहा है कि शराब कारोबारियों द्वारा जब मारपीट की जाती है तो शराब कारोबारी की तरफ से पुलिस सक्रिय भूमिका में नजर आ रही है और लुटे पिटे लोगों का साथ पुलिस नहीं देती, शराब कारोबार और नशेड़ियों के बीच हो रही घटनाओं से ऐसा भी प्रतीत होता है कि शराब बिकवाने और शराब कारोबारियों के लिए जिम्मेदार अधिकारी कवच कुंडल बनकर उनकी रक्षा में जुटे हैं।