Political news, तीन राज्यों में भाजपा सरकार बनने के बाद अब मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार की सुगबुगाहट तेज।
Political news, तीन राज्यों में भाजपा सरकार बनने के बाद अब मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार की सुगबुगाहट तेज।
मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे सिंधिया और विष्णु दत्त शर्मा।
विराट वसुंधरा
भोपाल। मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा की सरकार बनते ही अब मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है गौरतलब है कि केंद्र सरकार में मंत्री रहे मध्य प्रदेश के भाजपा नेता नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रह्लाद पटैल को विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रत्याशी बनाया था दोनों नेता चुनाव जीतने के बाद अब नरेन्द्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया है तो वहीं प्रहलाद पटेल को अभी कोई दायित्व नहीं सौंपा गया है लेकिन इस दौरान सबसे बड़ी चर्चा इस बात की हो रही है कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया अब केन्द्र सरकार के मंत्रिमंडल में रिक्त मंत्री पदों पर मध्यप्रदेश और राजस्थान के कद्दावर नेताओं को एडजस्ट किया जाएगा और सीघ्र ही मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है जिसको लेकर अटकलें तेज हो गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का होगा पुनर्वास।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुनर्वास के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल का छोटा विस्तार हो सकता है। वहीं, मोदी कैबिनेट में कृषि मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष नियुक्त किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि शिवराज को कृषि मंत्रालय का प्रभार दिया जा सकता है। चौहान के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा भी केंद्रीय मंत्री बनाए जा सकते हैं माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में शर्मा के कुशल प्रबंधन से भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व खुश है। तो वहीं राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया को लेकर जो चर्चा है कि राजस्थान की नव निर्वाचित भाजपा सरकार में उन्हें मुख्यमंत्री पद नहीं दिया गया जिससे वह नाराज थी शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें केन्द्र सरकार में शामिल करने की शर्त पर मनाया है इसलिए मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में वसुंधरा राजे सिंधिया को भी जगह दी जा सकती है।
बीते वर्षों से शिवराज को केंद्र में लाने की थी चर्चा।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस से पिछड़ गई थी जिसके बाद से शिवराज सिंह चौहान को लेकर यह चर्चा होने लगी थी कि शिवराज सिंह चौहान को केंद्र में लाया जा सकता है लेकिन 15 महीने बाद कांग्रेस पार्टी में बगावत हुई और शिवराज सिंह चौहान को फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली अब 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ा भले ही भाजपा को बड़ी जीत दिलाने की क्रेडिट शिवराज को मिल रही है फिर भी उन्हें मुख्यमंत्री पद नहीं दिया गया अब शिवराज सिंह चौहान को केंद्र में लाने की अटकलें लगाई जा रही है ज्ञात हो कि मोदी कैबिनेट से जिन मंत्रियों को अलग-अलग राज्यों में चुनाव लड़ाया गया था, उनमें से मप्र के भी दोनों केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद सिंह पटेल इस्तीफा दे चुके हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार प्रदेश में साढ़े अठारह वर्ष तक मुख्यमंत्री का सफर तय करने वाले नेता शिवराज सिंह चौहान के पुनर्वास को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गंभीर है। कई वर्षों से यह कयास लगाए जा रहे थे कि चौहान को मोदी कैबिनेट में लिया जा सकता है, लेकिन जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को पराजय मिली तो पार्टी ने यू-टर्न ले लिया था गौरतलब है कि कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को हटाए जाने के कारण भाजपा को पराजय मिली, यदि वे ही मुख्यमंत्री बने रहते तो परिणाम कुछ और होते। इसी वजह से भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद चौहान की कुर्सी पर डा. मोहन यादव को बिठाया। अब पार्टी चौहान को केंद्रीय राजनीति में ले जाना चाहती है।
जेपी नड्डा के बयान के बाद हुई हलचलें तेज।
शिवराज सिंह चौहान और उनकी भूमिका को लेकर उठ रहे सवालों पर उस समय बल मिला जब बीते दिनों भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शिवराज सिंह चौहान को लेकर कह दिया था कि उन्हें खाली नहीं रखा जाएगा मतलब साफ है कि शिवराज सिंह चौहान को लेकर भाजपा शीर्ष नेतृत्व उनकी लोकप्रियता और सक्रियता को देखते हुए उनकी भूमिका तय कर चुके हैं इसके पीछे जो तर्क सामने आ रहे हैं उसमें केंद्र में बेहतर प्रदर्शन वाले मंत्रियों की संख्या कम हो गई है। ऐसे में बड़े मंत्रालयों को अतिरिक्त प्रभार में रखने से मोदी सरकार के प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ सकता है। दूसरी वजह, केंद्र की राजनीति में चौहान को ले जाने से प्रदेश का नया नेतृत्व बिना किसी नैतिक दबाव के काम कर पाएगा और आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका लाभ मिलेगा सूत्रों की माने तो शिवराज सिंह चौहान और व्हीडी शर्मा को दिल्ली बुलाया गया है।