MP news, डॉ मोहन सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं के लिए खोला खजाना 10,373 करोड़ रुपए से अधिक की राशि को मिली मंजूरी।

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MP news, डॉ मोहन सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं के लिए खोला खजाना 10,373 करोड़ रुपए से अधिक की राशि को मिली मंजूरी।

मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक मंत्रालय में संपन्न हुई मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने मंत्रिपरिषद की बैठक में हुए निर्णय को साझा करते हुए बताया कि कैबिनेट ने मन्दसौर, राजगढ़, सीधी, सिवनी और बालाघाट, जिले की विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के लिये 10,373 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति दी दी है मंत्रि-परिषद ने मंदसौर जिले में 60 करोड़ 3 लाख रूपये लागत की सूक्ष्म दबाव सिंचाई परियोजना (सैंच्य क्षेत्र 3550.53 हेक्टेयर) की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी। इसी प्रकार राजगढ़ जिले की मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना लागत 4666 करोड़ 66 लाख रूपये, (सैंच्य क्षेत्र 1,51,495 हेक्टेयर) की द्वितीय पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।

विंध्य क्षेत्र को भी मिली सौगात।

मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र के लिए कैबिनेट द्वारा बाणसागर बहुउद्देशीय परियोजना अंतर्गत बहुती नहर को भारत सरकार की (MCAD) अंतर्गत लागत 1146 करोड़ 34 लाख रूपये के अंतर्गत माइक्रो सिंचाई परियोजना में परिवर्तित करने की सैद्धांतिक अनुमति दी है तो वहीं सीधी जिले में 4167 करोड़ 93 लाख रूपये लागत की सीतापुर हनुमना माइक्रो सिंचाई परियोजना (सैंच्य क्षेत्र 1,20,000 हेक्टेयर) की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करते हुए इस परियोजना की स्वीकृति के क्रम में प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा के लिये निर्धारित सूचकांक के बंधन से छूट दी गई। परियोजना से रीवा, मऊगंज, सीधी, एवं सिंगरौली जिले के 663 ग्रामों को सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा।

बालाघाट क्षेत्र का भी रखा गया ख्याल।

MP news, डॉ मोहन सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं के लिए खोला खजाना 10,373 करोड़ रुपए से अधिक की राशि को मिली मंजूरी। सरोवर परियोजना (अपर वैनगंगा) के नहरों की विस्तारीकरण, नवीनीकरण और आधुनिकीकरण (ई.आर.एम.) के कार्य के लिये 332 करोड़ 54 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी। ईआरएम के कार्य पूरा होने पर 11 हजार 450 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का लाभ प्राप्त होगा इस अवसर पर मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि सिंचाई परियोजनाओं के विस्तार से खेती और किसान दोनों समृद्ध होंगे और प्रदेश में कृषि कार्य से दौलत बरसेगी।

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