पुराना पंचायत राज अधिनियम लागू करें सरकार:- गणेश सिंह पूजापार्क में सरपंच संघ का हुआ जमावड़ा, सरकार के खिलाफ सरपंचों ने निकाली भड़ास।

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पुराना पंचायत राज अधिनियम लागू करें सरकार:- गणेश सिंह
पूजापार्क में सरपंच संघ का हुआ जमावड़ा, सरकार के खिलाफ सरपंचों ने निकाली भड़ास।

 

विराट वसुंधरा ब्यूरो
सीधी। शहर के पूजापार्क में सरपंच संघ द्वारा समस्याओं को लेकर आज सोमवार को सभा आयोजित की गई। सरपंच संघ के जिलाध्यक्ष गणेश सिंह चौहान सरपंच डेम्हा के नेतृत्व में आयोजित इस सभा में जनपद पंचायत सीधी अंतर्गत एक सैकड़ा से ज्यादा ग्राम पंचायतों के सरपंच व श्रमिक शामिल रहे हैं। सभा के बाद सभी सरपंच व श्रमिक पूजापार्क से पैदल चलकर कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां मुख्यमंत्री के नाम 10 सूत्रीय ज्ञापन कलेक्टर को सौपते हुए समस्याओं के निराकरण की मांग किए हैं।
सभा के दौरान अध्यक्ष गणेश सिंह ने कहा कि श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है, पंचायतों में श्रमिकों के लिए 221 रूपए मजदूरी निर्धारित की गई है। इतनी कम मजदूरी में कोई भी श्रमिक काम करने के लिए तैयार नहीं है। बेहद कम मजदूरी के कारण श्रमिकों का भरण पोषण होना भी संभव नहीं है। इसलिए सरकार श्रमिकों की स्थिति को देखते हुए उनकी मजदूरी 600 से 1000 हजार रूपए करे। उन्होने कहा कि पंचायत अधिनियम के तहत सरपंचों को जो अधिकार दिए गए थे वह अधिकार वर्ष 2003 में सरकार द्वारा छीन लिया गया था जिससे सरपंचों को अक्सर छोटे-छोटे जनहित से जुड़े काम कराने में दिक्कतें हो रही हैं। वर्ष 2003 में जो अधिकार सरपंचों का समाप्त किया गया था उसे पुन: लागू किया जाय। सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वराज के लिए सपना देखा था लेकिन महात्मा गांधी का सपना साकार नहीं हुआ है। हालात यह हैं कि एक तरफ सरकार ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने के लिए योजनाएं बना रही है लेकिन श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने के लिए इस ओर ध्यान नही दे रही है। जिस वजह से योजनाओं के क्रियान्वयन में असर पड़ रहा है। मनरेगा के तहत मजदूरों को 100 दिन रोजगार देने का प्रावधान है लेकिन स्थिति यह है कि गांव में मजदूर मिल ही नहीं रहे हैं। मजदूरी कम होने की वजह से गांव के मजदूर शहर की ओर पलायन कर रहे हैं। उन्होने कहा कि सरपंच के हितों के लिए हम संघर्ष की लड़ाई लड़ेंगे इसके लिए हमे भोपाल तक जाना पड़ेगा तो भी पीछे नहीं हटेंगे। सरपंच संघ के अध्यक्ष गणेश सिंह ने आगे कहा कि सरपंचों के साथ अनदेखी हो रही है। उनके हितों के साथ कुठाराघात किया जा रहा है, वेतन तो नाम मात्र का मिल रहा है इसके साथ ही कई अधिकार छीन लिया गया है। यहां तक कि हम लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि रोजगार सहायकों का भी स्थानांतरण नीति लागू हो। कुछ पंचायतों में ऐसे रोजगार सहायक हैं जो दबंग बने हैं जिससे सरपंचों को परेशानी उठानी पड़ती है। इन तमाम मामलों को लेकर 10 सूत्री मांग पत्र का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को सरपंच संघ के नेतृत्व में सौपा गया है। इस दौरान भारी संख्या में लोगों की भीड़ भी रही। पूजापार्क में आयोजित कार्यक्रम में सभा को सम्बोधित करते हुए पड़ैनिया ग्राम पंचायत के सरपंच अश्वनी सिंह परिहार ने कहा कि सरपंचोंं के भरोसे ही सरकार चलती है। यदि सरपंच के साथ सरकार अन्याय करेगी तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, हम लोग अब आरपार की लड़ाई लडऩे के लिए तैयार हैं वहीं रामसिया यादव ने कहा कि अब हमे ऐसे अध्यक्ष मिले हैं जो सरपंच संघ के बैनर तले हम सबको न्याय दिलाएंगे। ऐसे अध्यक्ष गणेश सिंह की वजह से आज पहली बार पूजापार्क में बारिश के दौरान भी भीषण संख्या में सरपंचों का जनसैलाव देखने को मिल रहा है। कार्यक्रम के दौरान निर्मला श्यामसुन्दर सिंह सरपंच पडऱी, अश्वनी सिंह पड़ैनिया, नीतू संजय पाण्डेय झगरहा, बृजेन्द्र साकेत कुकुड़ीझर, उर्मिला साकेत, अमरजीत सिंह गोंड, शोभा रावेन्द्र यादव, गुरू प्रसाद कोल सहित काफी संख्या में ग्राम पंचायत सरपंच व श्रमिक उपस्थित रहे हैं।

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