Election news, भाजपा को पटकनी देने रीवा लोकसभा सीट में अभय मिश्रा पर कांग्रेस पार्टी लगाएगी दांव।
Election news, भाजपा को पटकनी देने रीवा लोकसभा सीट में अभय मिश्रा पर कांग्रेस पार्टी लगाएगी दांव।
विंध्य क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण सीट रीवा लोकसभा सीट पर अभी कांग्रेस पार्टी ने टिकट घोषित नहीं किया है जबकि सीधी लोकसभा सीट में पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल को और सतना लोकसभा सीट में विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा को कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है देखा जाए तो सीधी और सतना लोकसभा सीट में कांग्रेस पार्टी ने ओबीसी वर्ग को टिकट देकर भाजपा को घेरने का बड़ा प्रयास किया है तो वहीं अब रीवा लोकसभा सीट में ब्राह्मण कैंडिडेट दिया जाना कांग्रेस पार्टी की रणनीति का हिस्सा होगा ऐसे में माना जा रहा है कि अब रीवा लोकसभा सीट में ब्राह्मण कैंडिडेट को कांग्रेस पार्टी टिकट देकर सामान्य वर्ग और ओबीसी वर्ग का सर्वाधिक वोट हासिल करने के लिहाज से काम कर रही है, देखा जाए तो रीवा लोकसभा सीट पर जिस तरह से वर्तमान राजनीतिक हालात हैं उस लिहाज से सेमरिया क्षेत्र के कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ही एक मात्र ऐसे नेता हैं जो भाजपा को कड़ी चुनौती दे सकते हैं इस उम्मीद को बल तब मिलता है जब कांग्रेस पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ता भी इस बात पर उत्साहित हो जाते हैं कि अभय मिश्रा कांग्रेस पार्टी के रीवा लोकसभा प्रत्याशी हो सकते हैं, इसके अलावा देखा जाए तो भाजपा में अभय मिश्रा को चाहने वालों की कमी नहीं है भारतीय जनता पार्टी में नीचे से लेकर ऊपर तक भाजपा का एक धड़ा उनका साथ देगा जो भाजपा के लिए कमजोर कड़ी साबित होगा तो वहीं कांग्रेस पार्टी के लिए यह दांव रणनीति का हिस्सा होगा।
क्यों अभय मिश्रा पर हो रही चर्चा।
अभय मिश्रा एक ऐसे नेता है जो चुनाव लड़ना अच्छी तरह से जानते हैं फिर चाहे स्थिति परिस्थिति जो भी हो परिणाम अनुकूल ही आना चाहिए ऐसा जिगर अभय मिश्रा के पास ही है और उन्होंने साबित भी कर दिखाया है विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान राजनीति के महाभारत में भाजपा ने उन्हें अभिमन्यु की तरह घेरने का पूरा प्रयास किया लेकिन भाजपा के चक्रव्यूह को तोड़कर अभय मिश्रा बाहर निकल आए और रीवा जिले में कांग्रेस पार्टी को पुनर्जीवित करने का कारनामा कर दिखाया देखा जाए तो मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल को खुली चुनौती देने वाले नेताओं में अभय मिश्रा ही गिने जाते हैं और रीवा लोकसभा चुनाव उपमुख्यमंत्री के ही दारोमदार पर टिका है ऐसे में उपमुख्यमंत्री के राजनीतिक धुर विरोधी अभय मिश्रा को कांग्रेस पार्टी टिकट देती है तो रीवा लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी को अभय मिश्रा के रूप में सांसद मिल सकता है जानकारों का मानना है कि अभय मिश्रा हर स्थिति परिस्थिति को अपने अनुकूल करने के लिए जाने जाते हैं उनके बराबर मेहनत करने वाला शायद ही किसी पार्टी में कोई दूसरा नेता हो इसके साथ ही अभय मिश्रा ऐसे राजनीतिक वैज्ञानिक है जो चुनावी मौसम को अपने अनुकूल हर हाल में बना लेते हैं और अभय मिश्रा अगर रीवा से लोकसभा प्रत्याशी हुए तो विंध्य क्षेत्र की अन्य सीटों पर भी इसका अच्छा खासा असर देखने को मिलेगा।
ब्राह्मण और अन्य वर्ग में अच्छी पकड़।
अभय मिश्रा बीते कई चुनावों से ब्राह्मण वर्ग का सर्वाधिक मत प्राप्त करने वाले नेताओं में शुमार हो चुके हैं 2018 के विधानसभा में रीवा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रहते हुए अभय मिश्रा भले ही चुनाव हार गए हो लेकिन उन्हें ब्राह्मण और क्षत्रिय वर्ग का अनुमान के मुताबिक सर्वाधिक वोट मिला था इसी तरह 2023 के विधानसभा चुनाव में सेमरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में अभय मिश्रा मैदान में उतरे और यहां भी उन्होंने आंकड़े के अनुसार सर्वाधिक ब्राह्मणों और छत्रियों का मत हासिल किया है इसके साथ ही अभय मिश्रा का आदिवासी प्रेम भी उन्हें आदिवासियों के बीच उनकी बड़ी पैठ होना माना जा रहा है जहां तक ओबीसी वर्ग की बात रही तो सतना और सीधी जिले में ओबीसी वर्ग से लोकसभा प्रत्याशी घोषित होने के बाद कांग्रेस पार्टी को ओबीसी वर्ग का अच्छा खासा वोट मिलेगा इसमें कोई दो राय नहीं खासकर जब प्रत्याशी अभय मिश्रा के रूप में रीवा लोकसभा सीट से हो तब।
दूसरे दावेदारों पर भारी अभय।
रीवा लोकसभा सीट से टिकट की रेस में अजय मिश्रा बाबा, कविता पांडेय, नीलम मिश्रा, देवराज सिंह पटेल,त्रियुगीनारायण शुक्ला, के नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन इन सभी नामों पर अभय मिश्रा का नाम सबसे भारी है क्योंकि राजनीति के माहिर खिलाड़ी अभय मिश्रा लगभग 7 वर्षों तक जिला पंचायत के अध्यक्ष पद पर रहते हुए पूरे रीवा जिले में पंचायत स्तर पर अपनी बड़ी पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं इसके अलावा अभय मिश्रा कोई भी चुनाव लड़े उनकी चर्चा रीवा जिले के हर गली मोहल्ले में होने लगती है, देखा जाए तो चुनाव चाहे जितना बड़ा हो अभय मिश्रा का चुनाव लड़ने का जो तरीका होता है वह ग्राम पंचायत स्तर के चुनाव जैसे माहौल में निर्मित हो जाता है वैसे तो अभय मिश्रा की पत्नी नीलम मिश्रा का भी नाम टिकट की रेस में है लेकिन अभय मिश्रा के नाम पर एक अलग राजनीतिक माहौल बनता है कांग्रेस कार्यकर्ताओं का भी मानना है कि अगर अभय मिश्रा लोकसभा के प्रत्याशी होते हैं तो कांग्रेस पार्टी में जान आ जाएगी जाहिर सी बात है की संसाधन की कमी और सत्ता से दूर रहने के बाद स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं की स्थिति अब ऐसी हो चुकी है कि उन कार्यकर्ताओं में जान फूंकने का काम सिर्फ अभय मिश्रा जैसे ऊर्जावान रणनीतिकार नेता ही कर सकते हैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि अभय मिश्रा की पत्नी पूर्व विधायक नीलम मिश्रा और उनके पुत्र से बेहतर प्रत्याशी अभय मिश्रा साबित होंगे क्योंकि उनका राजनीति में नाम चल चुका है और अभय मिश्रा के नाम पर ही भाजपा को न सिर्फ कड़ी टक्कर दी जा सकती है बल्कि कांग्रेस का रीवा में सांसद भी बनाया जा सकता है।
कांग्रेस में चल रहा मंथन।
रीवा लोकसभा सीट पर कांग्रेस का प्रत्याशी कौन होगा इस पर जनता के बीच बहस लगातार जारी है तो वहीं कांग्रेस पार्टी हाई कमान में भी रीवा से लोकसभा प्रत्याशी बनाए जाने के लिए टिकट के दावेदारों पर मंथन जारी है सूत्रों की माने तो वर्तमान समय में जिस तरह से राजनीतिक स्थित है उस लिहाज से रीवा लोकसभा का प्रत्याशी अभय मिश्रा को ही बनाया जाएगा जबकि अभय मिश्रा ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार किया है लेकिन कांग्रेस हाईकमान द्वारा रीवा लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए अभय मिश्रा को अंततः तैयार कर लिया जाएगा ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।