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MP की इस छात्रा की ऊंची उड़ान वाली चाहत ने हिला दिया पूरे देश को पुलिस के खुलासे के बाद शासन प्रशासन ने ली राहत की सांस।

MP की छात्रा के हाईप्रोफाइल किडनैप फिरौती मामले में पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा।

मध्यप्रदेश के शिवपुरी की छात्रा का कोटा में हाईप्रोफाइल अपहरण कांड झूठा निकला पुलिस ने इसका खुलासा कर दिया है इस हाई प्रोफाइल कैसे को लेकर मध्य प्रदेश सरकार सहित केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी काफी सक्रिय रहे तो वहीं राजस्थान पुलिस ने मामले की जांच में रात दिन एक कर दिया और जब खुलासा किया तो छात्रा के अपहरण और फिरौती का मामला फेक निकला बताया गया है कि कोटा से किडनैप हुई शिवपुरी की छात्रा मामले में कोटा पुलिस ने चौकाने वाला खुलासा किया है सिटी एसपी अमृता दुहन ने मामले में अभी तक हुई छानबीन के आधार पर बताया कि कोटा से छात्रा का किडनैप नहीं हुआ था पुलिस ने यह भी दावा किया है कि छात्रा ने खुद ही अपने किडनैपिंग की साजिश रची थी पुलिस के खुलासे के अनुसार छात्रा ने विदेश में पढ़ने जाने के लिए अपने दोस्तों के साथ साजिश रची थी पुलिस ने बताया कि छात्रा और उसका एक दोस्त विदेश में पढ़ाई करना चाहते थे और उसके लिए रुपयों का इंतजाम करने अपहरण और फिरौती की षड्यंत्र पूर्वक पूरी झूठी कहानी रच दिया सूत्रों की माने तो इस मामले में कोटा पुलिस ने छात्रा के एक साथी को पकड़ लिया है और पूछताछ कर रही है हालांकि वह ने गिरफ्तारी की बात स्वीकार नहीं किया है छात्रा और उसका एक साथी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं जिनकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

ऐसे रची साजिश।

छात्रा ने अपने अपहरण की साजिश अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर रची थी और खुद अपहरणकर्ता बनकर तस्वीरें काव्या ने पिता को भेजवाई थी जहां फोटो सूट की गई थी वह फ्लैट छात्रा के साथी युवक का था भेजी गई तस्वीरें फ्लैट के किचन में ली गई थी काव्या और उसके दोस्त विदेश जाना चाह रहे थे जिसके लिए अपने अपहरण की साज़िश रचकर पिता से रुपए निकालने के लिए पूरी कहानी रच डाली इससे पहले की कहानी इस तरह से है कि छात्रा तीन अगस्त को उसकी मां के साथ कोटा आई थी यहां उसने एक कोचिंग पंजीयन का फार्म लिया और एक हास्टल में रहने का निर्णय लिया छात्रा की मां उसी दिन वापस लौट गई थी पांच अगस्त तक कोटा में रही और फिर इंदौर चली गईं पुलिस के बताए अनुसार बैराड़ के निजी स्कूल संचालक रघुवीर धाकड़ को 18 मार्च को वाट्सएप पर उसकी बेटी काव्या धाकड़ की रस्सी से हाथ पैर बंधी तस्वीरें भेजीं और उसे छोड़ने के एवज में 30 लाख रुपये की फिराैती मांगी गई थी इस घटना से हड़कंप मच गया और शासन प्रशासन हरकत में आ गया पुलिस ने जब जांच पड़ताल शुरू किया तो पता चला छात्रा ने कोचिंग में दाखिला ही नहीं लिया था और परिजनों के बताए अनुसार हास्टल में भी छात्रा नहीं रहती थी।

पालकों को आईना दिखाती यह युवतियां।

शिवपुरी की छात्रा का कोटा से अपहरण होने की खबर ने पूरे देश को हिला दिया था मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार ही नहीं केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस घटना से आहत थे और इस घटना ने सबको हिला दिया था लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो शासन प्रशासन और छात्रा के परिजनों ने राहत की सांस ली लेकिन इस कहानी से जो सीख मिली है उसे भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता लड़कियों की ऊंची उड़ान और महत्वकांक्षा के चलते छात्रा ने जो कुछ भी किया है उससे अन्य पालकों और पिता को सावधान होने की जरूरत है तो वहीं दूसरी सबसे बड़ी बात यह है कि अब ऐसी घटना अगर सच में भी होती है तो लोगों को ऐसी फर्जी घटनाओं का संज्ञान आएगा और सही घटनाओं पर भी विश्वास नहीं होगा जरूर इस बात की है कि अपने बच्चों को सुविधा दें लेकिन सावधान भी रहे गलत संगत और गलत नियति के कारण अपने बच्चे भी बड़ी गलती कर जाते है।

 

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