Rewa news, देश की आजादी के महान योद्धा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128 वीं जयंती पर ग्राम बुढ़वा में श्रद्धांजलि कार्यक्रम संपन्न।

Rewa news, देश की आजादी के महान योद्धा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128 वीं जयंती पर ग्राम बुढ़वा में श्रद्धांजलि कार्यक्रम संपन्न।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के सपनों को साकार करने जनता को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना बेहद जरूरी: राजमणि पटेल
विराट वसुंधरा
रीवा । देश की आजादी के आंदोलन के महान योद्धा , आजाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128 वीं जयंती के अवसर पर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर रायपुर कर्चुलियान विकासखंड अंतर्गत ग्राम बुढ़वा के प्रतिष्ठित किसान ज्ञानेंद्र पटेल के खलिहान में पूर्व सरपंच सुरेंद्र पटेल की अध्यक्षता में विचार संगोष्ठी सम्पन्न हुई। उपस्थित जनों के द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता इंद्रमणि सिंह ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यसभा सदस्य राजमणि पटेल ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का समूचा जीवन क्रांतिकारी रहा । उन्होंने तुम मुझे खून दो , मैं तुम्हें आजादी दूंगा का इंकलाबी नारा दिया था। देश की आजादी के लिए लड़ते लड़ते वह शहीद हो गए। श्री पटेल ने कहा कि देश में वर्तमान समय में अघोषित आपातकाल की स्थिति है। विपक्षी संसद सदस्यों की आवाज को भाजपा सरकार के द्वारा दबाया जा रहा है। अकारण सदस्यता छीनने का गंदा खेल हो रहा है। हम कई सांसदों पर विशेषाधिकार हनन का मामला बना दिया गया है। राज्यसभा सदस्य श्री पटेल ने कहा कि देश में चंद अमीरों के इशारे पर सरकार चल रही है। इनकी संपत्ति में भारी इजाफा हो रहा है वहीं देश के गरीब वर्ग को 5 किलो अनाज की सीमा में बांधकर गुलाम बनाया जा रहा है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सपने को साकार करने देश की जनता को गुलामी के इस मकड़जाल से बाहर निकालने के लिए उन्हें आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाना होगा।
संगोष्ठी में अन्य वक्ताओं में लोकतंत्र सेनानी बृहस्पति सिंह , समता संपर्क अभियान के संयोजक लोकतंत्र सेनानी अजय खरे , लोकतंत्र सेनानी माहेश्वरी त्रिपाठी , रामायण पटेल , गांधी विचार के मंच के संयोजक रामेश्वर गुप्ता , जिला पंचायत रीवा के सदस्य कामरेड लालमणि त्रिपाठी आदि ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध कराई। वक्ताओं ने कहा कि जय हिंद का नारा सुभाष चंद्र बोस ने दिया था। यह नारा आजादी के आंदोलन के दौर से लेकर आज तक हर भारतवासी के दिलों और जुबान पर है। यह जानकारी दी गई कि 21 अक्टूबर 1943 में सुभाषचन्द्र बोस ने आजाद हिन्द फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से सिंगापुर में स्वतंत्र भारत की अंतरिम (अस्थायी) सरकार की स्थापना की। इस सरकार को कई देशों के द्वारा मान्यता मिली। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ सुभाष चंद्र बोस की यह खुली चुनौती थी। 4 जून 1944 को सुभाष चन्द्र बोस ने सिंगापुर रेडियो से एक संदेश प्रसारित करते हुए महात्मा गांधी को ‘देश का पिता’ (राष्ट्रपिता) कहकर संबोधित किया। आज महात्मा गांधी को पूरे देश ने राष्ट्रपिता के रूप में स्वीकार किया है। सुभाष चंद्र बोस धर्म के आधार पर नफरत फैलाने वाले संगठनों के बेहद खिलाफ थे। जिस समय वह कांग्रेस के अध्यक्ष थे उन्होंने साम्प्रदायिक संगठनों एवं नफरत फैलाने वाले लोगों को कांग्रेस में आने से रोक दिया था। सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज में गांधी ब्रिगेड , नेहरू ब्रिगेड और लक्ष्मीबाई ब्रिगेड का गठन किया था। कैप्टन लक्ष्मी सहगल को महिला ब्रिगेड की कमान सौपी गई थी। उनकी सेना में सभी वर्ग के लोगों को प्रमुखता मिली थी। आजाद हिंद फौज के प्रखर योद्धा शाहनवाज खान , गुरु बख्श सिंह ढिल्लन और प्रेम सहगल की तिकड़ी के खिलाफ अंग्रेजों के द्वारा चलाए गए मुकदमें की पैरवी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं वकीलों के द्वारा की गई और उनकी सम्मानजनक रिहाई हुई। वक्ताओं ने कहा कि देश को विदेशी दासता से मुक्ति जरूर मिली है लेकिन गुलामी से छुटकारा नहीं मिला है। देश में महंगाई ,बेरोजगारी, कुपोषण , सामाजिक आर्थिक गैर बराबरी, महिलाओं के प्रताड़ना के मामले बड़ी चुनौती है। देखने में आ रहा है कि धार्मिक विश्वास अंधभक्ति में बदल रहे हैं , जो देश हित में नहीं है। चुनाव में जाति और धर्म के आधार पर वोट मांगा जाना सरासर गलत है।
बाहर से आए हुए अतिथियों के भोजन की व्यवस्था पूर्व सरपंच श्रीमती सोम प्रभा पटेल एवं युवा किसान नेता देवेंद्र पटेल के यहां हुईं। जहां यह जानकारी हुई कि पूरा गांव जल समस्या से जूझ रहा है। इस संबंध में जिला प्रशासन से विशेष ध्यान दिए जाने का अनुरोध किया गया है।
संपन्न कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रीवा से पधारे कामरेड अरविंद त्रिपाठी ,अनिल सिन्हा के अलावा ग्राम बुढ़वा के रजनीश पटेल, राकेश पटेल ,अक्षय कुमार साकेत, रामनरेश मिश्रा ,रामचंद्र शर्मा, पुष्पराज पटेल, शुभकरण पटेल ,राज बहादुर पटेल , रमेश कुमार पटेल ,रामावतार पटेल, नरेश कुमार पटेल, तेजभान पटेल, अखिलेश पटेल ,चंद्रिका पटेल ,रामनरेश मिश्रा, पुष्पेंद्र पटेल ,शिव शंकर पटेल ,मनसुख लाल पटेल ,धीरेंद्र पटेल, सत्येंद्र ,श्याम लाल पटेल , शुभकरण पटेल ,राजकुमार पटेल, संतोष पटेल, शुभम पटेल ,पुष्पराज पटेल , रामानुज पटेल आदि की भागीदारी रही।