Rewa news, रीवा के उपेंद्र द्विवेदी Army Chief, 30 जून को बनेंगे देश के थल सेना प्रमुख, उपेंद्र द्विवेदी ने रीवा का विश्व स्तर पर बढ़ाया मान।

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Rewa news, रीवा के उपेंद्र द्विवेदी Army Chief, 30 जून को बनेंगे देश के थल सेना प्रमुख, उपेंद्र द्विवेदी ने रीवा का विश्व स्तर पर बढ़ाया मान।

 

विराट वसुंधरा/ संजय पाण्डेय, गढ़
रीवा के लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी देश के अगले थलसेना प्रमुख होंगे , रक्षा मंत्रालय के द्वारा जारी किये गए बयान में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी की नियुक्ति में सरकार ने वरिष्ठता के सिद्धांत का पालन करते हुए कहा है कि वर्तमान में देश की थलसेना के उप-प्रमुख के रूप में कार्यरत लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को भारत सरकार ने देश अगला थलसेना प्रमुख नियुक्त किया है। यह नियुक्ति 30 जून की दोपहर से प्रभावी होगी, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, जनरल मनोज पांडेय का स्थान लेंगे। जनरल मनोज पांडेय आगामी 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी वर्तमान समय पर थलसेना के उप-प्रमुख पद पर पदस्थ हैं।

रीवा मध्यप्रदेश के है थल सेना प्रमुख।

ज्ञात हो कि एक जुलाई, 1964 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी जो थल सेना प्रमुख बनाए गए हैं उनका रीवा जिले से नाता रहा है मूलतः रीवा जिले के ग्राम मुडिला थाना क्षेत्र गढ़ जो अब नवगठित मऊगंज जिले में आता है वहां उनकी पैतृक जमीन पिता जी के नाम आज भी है और उनके परिवार के लोग ग्राम मुडिला में रह रहे हैं श्री द्विवेदी ने अपनी पढ़ाई रीवा स्थित सैनिक स्कूल से की है सैनिक स्कूल से पढ़ाई करने के बाद उन्हें 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री (जम्मू और कश्मीर राइफल्स) में कमीशन मिला था, अपनी 40 वर्षों की लंबी सेवा के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने विभिन्न कमांड, स्टाफ, इंस्ट्रक्शनल और विदेशी नियुक्तियों में भी काम किया है, चीन और पाकिस्तान की सीमा पर संचालन का है भी श्री द्विवेदी को काफी अनुभव है।

लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी इन पदों पर कर चुके हैं काम।

मीडिया में चल रही खबरों के आधार पर लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के पास भारतीय सेना में काम करने का काफी अनुभव है कश्मीर घाटी, भारत-म्यांमार सीमा पर असम राइफल्स सेक्टर, इंस्पेक्टरेट जनरल, असम राइफल्स (आईजीएआर, पूर्व) में अपनी बटालियन की कमान संभालने का लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को काफी अनुभव है श्री द्विवेदी ने बख्तरबंद ब्रिगेड, सैन्य संचालन महानिदेशालय, सैन्य सचिव शाखा और डिवीजनल और कोर मुख्यालय में स्टाफ ऑफिसर के रूप में भी काम किया है, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी को परम विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित भी किया जा चुका श्री द्विवेदी देश के सीनियर सैन्य अधिकारी हैं उनके अनुभव और सेना में विभिन्न पदों पर किए गए कार्यो के आधार पर भारत सरकार में उन्हें अगला थल सेना अध्यक्ष बनाया है।

उपेंद्र द्विवेदी army chief ने रीवा जिले का बढ़ाया मान।

मूलतः रीवा जिले के गढ़ से लगे मुडिला गांव जो अब नवगठित मऊगंज जिले में आता है वहां के मूल निवासी हैं उपेंद्र द्विवेदी के रिश्ते के भाई चाचा के पुत्र एड प्रभात चंद्र द्विवेदी ने बताया कि उपेंद्र द्विवेदी के पिता का नाम श्री कृष्ण द्विवेदी और माता का नाम श्रीमती मानवती द्विवेदी है दोनों दिवंगत हो चुके हैं पिता जी पूर्व में गढ़ स्कूल में शिक्षक थे बाद में तहसीलदार बने और डिप्टी कलेक्टर पद से सेवानिवृत हुए थे उपेंद्र द्विवेदी के पिता श्री कृष्ण द्विवेदी पिता पांच भाई थे वर्तमान समय में सभी की खेती की भूमि ग्राम मुडिला में है उपेंद्र द्विवेदी रीवा जिले के प्रतिष्ठित डॉक्टर टीएस त्रिपाठी के दामाद है उपेंद्र द्विवेदी की दो पुत्रियां हैं उपेंद्र द्विवेदी तीन भाइयों बड़े डॉ पीसी द्विवेदी मंझले भाई इंजीनियर प्रेम शंकर द्विवेदी और सबसे छोटे लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी हैं पैतृक गांव मुडिला में आज भी पिता स्व श्री कृष्ण द्विवेदी के नाम खेती की कुछ भूमि है पुराना छतिग्रस्त मकान भी है उपेंद्र द्विवेदी ने पांचवीं की पढ़ाई करने के बाद रीवा के सैनिक स्कूल से पढ़ाई की और सेना की नौकरी में चले गए थे कुछ वर्षों पूर्व उपेंद्र द्विवेदी मुडिला गांव आए थे।

गांव और परिवार में खुशी का माहौल।

ग्राम मुडिला के निवासी और थल सेना के प्रमुख बनाए गए उपेंद्र द्विवेदी के परिवारिक सदस्यों एड प्रभात चंद्र द्विवेदी, राजेश द्विवेदी, दिनेश द्विवेदी शंकर नाथ द्विवेदी रविंद्र नाथ द्विवेदी अनिल द्विवेदी मुद्रिका तिवारी विश्वेश्वर प्रसाद तिवारी सुनील तिवारी केसरी प्रसाद द्विवेदी और ग्राम पंचायत के सरपंच सुरेंद्र सिंह तथा स्थानीय पत्रकार समाजसेवी संजय पाण्डेय ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि army chief उपेंद्र द्विवेदी ने ग्राम मुडिला और रीवा तथा मऊगंज जिले का नाम और मान भारतवर्ष सहित पूरे विश्व में रौशन किया है।

 

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