MP news, बच्चे का इलाज कराने गई महिला के, बीमार बच्चे के जगह महिला को ही बीमार बता कर डाक्टर ने चढ़ा दिए 7 बाटल हुई मौत।

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Mp news, बच्चे का इलाज कराने गई महिला के, बीमार बच्चे के जगह महिला को ही बीमार बता कर चढ़ाए 7 बाटल हुई मौत।

 

CMHO सतना और BMO रामनगर की छत्रछाया में फल फूल रहे सैकड़ों झोलाछाप डॉक्टर इलाज के नाम पर गरीबों को उतार रहे मौतके घाट।

 

विराट वसुंधरा / रामानंद शुक्ला

सतना जिले से अलग हुए नवगठित मैहर जिले के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर कार्यालय देवराजनगर से महज 7- 8 किलोमीटर दूर जिगना गांव में एक बंगाली डॉक्टर ने बच्चे का इलाज कराने गई आदिवासी महिला को ही बीमार बताकर उसका इलाज शुरू कर दिया और कुछ ही घंटे में उसे सात बाटल चढ़ा दिए , इसके बाद उस महिला की हालत बिगड़ गई , परिजनों से गंभीर हालत में रीवा ले जाने को कहा किंतु पैसा न होने के कारण वह उसे घर लेकर पहुंचे और थोड़ी देर में उसे महिला की मौत हो गई ।महिला की मौत से नाराज परिजनों ने उक्त तथाकथित बंगाली डॉक्टर के क्लीनिक में जाकर हंगामा किया इसके बाद झोलाछाप बंगाली डॉक्टर विश्वास ने सौदेबाजी शुरू कर दी गरीब को पैसे का लालच देकर उसका मुंह बंद करा दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिगना में मेडिकल स्टोर की आड़ में एक झोलाछाप की क्लीनिक चल रही है जिसमें बंगाली डॉक्टर विश्वास के द्वारा मरीजों को अपने क्लीनिक में भर्ती कर उनका इलाज करने के बहाने पैसे ऐंठे जाते हैं । यह सिलसिला बिगत कई वर्षों से संचालित है, बीते शनिवार को लगभग 1 सप्ताह पूर्व समीपवर्ती गांव झोंपा गांव की एक आदिवासी महिला बच्चे का इलाज कराने तथाकथित बंगाली डॉक्टर विश्वास के यहां पहुंची थी जिसकी जान जिगना के झोलाछाप डॉक्टर ने ले ली।

रामनगर के जिगना गांव में इलाज के लिए झोंपा गांव निवासी नीतू कोल पति रमेश कोल गई थी अपने बच्चे को लेकर जिगना गांव स्थित बंगाली डॉक्टर से अपने बच्चे का इलाज कराने किंतु उसने महिला को देखने के बाद उस तथाकथित डॉक्टर ने नीतू कोल को ही बीमार बता दिया इस तथाकथित झोलाछाप डॉक्टर विश्वास ने नीतू कोल का ही इलाज शुरू कर दिया बच्चे की दवा की जगह महिला का इलाज किया उसने अपने तथाकथित नर्सिंग होम में एडमिट करने के बाद उस महिला को 7 बाटल चढ़ा दिए इसके बाद महिला ने दम तोड़ दिया।

वहीं दूसरी ओर बीएमओ देवराज नगर डॉक्टर आलोक अवधिया अब यह कहते फिर रहे हैं, कि मेडिकल स्टोर की आड़ में क्लीनिक नर्सिंग होम चलाने वाले तथाकथित डॉक्टर विश्वास को मैंने नोटिस दिया था और जवाब चाहा था किंतु अभी तक उक्त झोलाछाप डॉक्टर ने इस बारे में अपना कोई जवाब प्रस्तुत नहीं दिया है, अब देखना होगा कि इस मामले में विभाग द्वारा क्या एक्शन लिया जाता है।

यहां यह स्मरणीय है कि विकासखंड रामनगर में लगभग हर तीन किलोमीटर पर एक झोलाछाप डाक्टर तैनात है, कई कई गांव में तो दो-दो चार-चार झोलाछाप डॉक्टर मौजूद हैं जो चार गोलियों का नाम जानते है और बाकायदा गंभीर मरीजों की चिकित्सा में लग जाते हैं ।ऐसे में बेचारे गरीबों की मौत होती है, याकी ज्यादा सीरियस होकर रीवा सतना की ओर उन्हें जाना पड़ता है ।मूल रूप से यदि देखा जाए तो डॉक्टर आलोक अवधिया की सरपरस्ती में कई फर्जी झोलाछाप डॉक्टर एक कमरे में अच्छा खासा क्लीनिक संचालित कर अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं ।जिगना गांव में विगत सात आठ वर्ष पूर्व आए डॉक्टर विश्वास ने अकूतन धन अर्जित किया है। मुख्य तिराहे में वेशकीमती जमीन खरीद कर क्लीनिक कम नर्सिंग होम- मेडिकल स्टोर खोल रखा है इतना ही नहीं आलीशान मकान भी बनवा लिया है तथा अपनी बच्ची की उच्च दर्जे की शिक्षा के लिए उसे बाहर पढ़ाई व प्रशिक्षण दिला रहे हैं, अब यह गौरतलब बात है कि इतनी अकूतन संपत्ति का अर्जन आखिर डॉक्टर ने किया कैसे, डॉक्टर आलोक अवधिया को आए हुए भी कई वर्ष बीत गए । माना कि उन्होंने इसे नोटिस दिया था किंतु जब इसने निर्धारित समय में उक्त तथाकथित नोटिस का जवाब नहीं दिया तो डॉक्टर आलोक अवधिया बीएमओ को झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ फिर प्राथमिक की दर्ज करानी थी , किंतु डॉक्टर आलोक अवधिया ने ऐसा क्यों नहीं किया , अब अपने गले की फांस निकालने के लिए आलोक अवधिया द्वारा कहा जा रहा है कि मैंने नोटिस दिया था। लोगों का तो यहां तक कहना है कि *विकासखंड रामनगर के प्रत्येक गांव में मौजूद इन झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा उन्हें एक निश्चित रकम प्रतिमाह पहुंचाई जाती है, जिसके एवज में डॉक्टरअवधिया ने इन्हें अभय दान दे रखा है।

मामला चाहे जो भी हो बहरहाल उस तथाकथित आदिवासी महिला जिसकी मृत्यु हो गई है के परिवारजनों पति व बच्चों को क्षतिपूर्ति शासन दे, उसकी मृत्यु को आकस्मिक मृत्यु माना जाए, छति पूर्ति दी जाए और इस पूरे मामले की जांच करा कर उक्त झोलाछाप डॉक्टर पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जाए।

सुनने में आया है कि अब झोलाछाप डॉक्टर की पैरवी भी कुछ लोग करने लगे हैं और वह इन्हीं तथाकथित नेताओं के पीछे-पीछे घूमने लगा है पर ग्रामीणों ने मांग की है की उसकी सारी संपत्ति जप्त की जाए गरीब आदिवासी महिला के परिवार को उचित मुआवजा दिलाया जाए एवं मध्य प्रदेश शासन का बुलडोजर चलाकर इस मामले को हत्या मानते हुए उसके मकान को ध्वस्त कर दिया जाए। इसके अलावा पूरे विकासखंड में बरसाती मेंढक की भांति फैले हुए इन झोलाछाप डॉक्टरों पर एक अभियान चलाकर कानूनी कार्यवाही की जाए।

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